तेरा यह आचरण कुल में कलंक लगाने वाला है, और तू निर्लज्ज होकर अन्य पुरुष की सेवा कर
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द्वापर और कलयुग के लोग कहेगें कि त्रेता में एक राजा युग को कलंक लगाने वाला दशरथ नाम का हुआ था, जिसने अपने पुत्र को राजतिलक करने,राजा बनाने को कहकर सबेरे देश से,नगर से,गाँव से और पुर से चौदह वर्ष को बाहर निकाल दिया।
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फिल्म को देखते हुए आपको शालिनी और प्रोफ़ेसर अहमदी के बीच का रिश्ता अनैतिक नहीं लगेगा I उसे आप गुरु शिष्य परम्परा पर कलंक लगाने वाला नहीं मानेगे I वह तो बस हो जाता है I mutual understanding में सब कुछ आता है I हमारी आत्मा कमज़ोर हो चुकी है I हमारी नैतिकता मर चुकी है I हम अपनी terms and condititions के साथ जीते है I सफ़ेद अभी भी सफ़ेद और काला काला होता है पर हम अपनी सहूलियत के लिए ग्रे की सरहद में ही रहना-जीना-मरना पसंद करते है I